Friday, February 8, 2019

यूपी समेत 3 राज्यों में जहरीली शराब का कहर, 28 की मौत, योगी ने दिए जांच के आदेश

देश के तीन राज्यों में एक बार फिर से जहरीली शराब ने कहर बरपाया है. बिहार, यूपी और उत्तराखंड में दो दर्जन से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई. जिसकी वजह से हाहाकार मच गया है. यूपी सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं तो बिहार और उत्तराखंड सरकार भी कार्रवाई कर रही हैं.

देवबंद में 5 की मौत

सबसे पहले बात करें यूपी की तो सहारनपुर जिले के देवबंद इलाके में कच्ची शराब पीने से 5 लोग मौत के मुंह में समा गए, जबकि 10 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. सभी को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस घटना से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है.

उत्तर प्रदेश के ही कुशीनगर में जहरीली शराब की वजह से दो दिन पहले 9 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में सूबे की योगी सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही एक आबकारी अधिकारी और चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इस घटना के बाद जिले के अधिकारी सतर्क हो गए हैं.

इसी तरह से उत्तराखंड के रूड़की में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत हो गई है. हालांकि समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक मरने वालों की संख्या अब 12 बताई जा रही है. जिसकी वजह से कई गांवों में मातम पसरा हुआ है. कुल मिलाकर पूरे राज्य में कच्ची शराब ने करीब दो दर्जन लोगों की जान ले ली है. मामला संज्ञान में आने के बाद उत्तराखंड सरकार ने आबकारी विभाग के 13 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. साथ ही रूड़की क्षेत्र के झबरेड़ा पुलिस थाने के प्रभारी प्रदीप मिश्रा समेत 4 पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया गया है. उधर, बिहार से भी ऐसी ख़बरे आ रही हैं, जहां कच्ची शराब ने कहर बरपाया है.

अब बात 8 जनवरी, 2019 की. इस दिन भी लोकसभा में एक और हंगामेदार दिन था. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सदन में नागरिकता संशोधन बिल रखा था. यह बिल संसद में पारित हुआ तो इसका असम के सामाजिक-राजनीतिक जीवन पर गहरा असर होगा. जिस दिन लोकसभा में यह बिल पेश हुआ, बहस हुई, आडवाणी सदन में मौजूद थे. लेकिन इतना महत्वपूर्ण बिल होने के बावजूद उन्होंने एक शब्द नहीं बोला.

यानी इन दस सालों में बीजेपी के 'लौह पुरुष' आडवाणी के लिए दुनिया पूरी तरह से बदल गई. कई वेबसाइट्स पर सांसदों के कामकाज का लेखा-जोखा मौजूद होता है. इनसे यह पता चलता है कि पिछले पांच साल में आडवाणी ने सिर्फ 365 शब्द बोले हैं. इसकी पिछली यानी 15वीं लोकसभा के दौरान आडवाणी 42 बार बहसों और अन्य कार्यवाहियों में हिस्सा लिया और करीब 35,926 शब्द बोले थे.

यह वही आडवाणी हैं जिनकी जीवनी 'माय कंट्री, माय लाइफ' में 1,000 पेज हैं. अपने खराब स्वास्थ्य की वजह से (वह 91 साल के हैं) लालकृष्ण आडवाणी भले ही सार्वजनिक तौर पर कम दिखते हों, लेकिन नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान संसद में उनकी उपस्थ‍िति जबर्दस्त रही है. संसद के कामकाज के दिनों उनकी उपस्थ‍िति 92 फीसदी तक रही, जो अन्य सांसदों के मुकाबले बहुत अच्छा है.

सामने आए नए तथ्य और विपक्ष के आरोपों के बीच रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में सरकार की तरफ से सफाई दी. रक्षा मंत्री ने कहा कि राफेल मामले पर सभी आरोपों को खारिज किया जा चुका है और सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश के सामने है. लिहाजा, विपक्ष सिर्फ गड़े मुर्दे उखाड़ने का काम कर रहा है.

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